Maharashi Charaka - महर्षि चरक - An Introduction PDF Download

महर्षि चरक को औषधि का जनक कहा जाता है। महर्षि चरक की शिक्षा तक्षशिला में हुई । महर्षि चरक का जन्म किस काल या समय में हुआ , इस बात का कोई पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। यहां तक कि भारत के पौराणिक इतिहास में भी इससे जुड़ा कोई तथ्य नहीं मिलता। “ त्रिपिटक ” का जब चीनी अनुवाद हुआ तो उसमें चरक ऋषि को कनिष्क का राजवैद्य बताया गया लेकिन चरक संहिता बौद्ध मत का विरोध करती है इसलिए ये बात प्रमाणित नहीं कही जा सकती। हां , इस बात से यह अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है कि चरक ऋषि का संबंध कनिष्क के काल से रहा होगा। एक मत के अनुसार चरक व्यक्ति न होकर कृष्ण यजुर्वेद की शाखा का नाम है और ' चरक संहिता ' का संकलन उसी शाखा के किसी व्यक्ति ने किया हो। जो भी हो चरक के ग्रंथ की ख्याति विश्व-व्यापी रही है। महर्षि चरक पहले ऐसे चिकित्सक थे जिन्होंने चयापचय , शरीर प्रतिरक्षा और पाचन से संबंधित रोगों को पहचाना और उनका निदान करने के उपाय बताए। महर्षि चरक ने ही सर्वप्रथम मानव शरीर में मौजूद तीन स्थायी दोषों , वात , पित्त और कफ को पहचाना और इनक...